किरण बेदी

यह संभव है दुनिया की सबसे बड़ी जेलों में से एक का कायाकल्प Yah sanbhav hai: duniyā kī sabase baड़ī jeloan mean se ek kā kāyākalpa किरण बेदी; रमा शंकर सिंह, ‘दिव्यदृष्टि’, संपा. - नई दिल्ली वाणी प्रकाशन भारत 2002 - 367पृ0 cm.

8170556597 (hbk) 1200

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522, 21/03/2015, Vani Prakashan Textual


भारतीय-लोक साहित्य

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