श्रोत्रिय, प्रभाकर

प्रजा का अमूर्तन Prajā kā amūrtana श्रोत्रिय, प्रभाकर - नई दिल्ली वाणी प्रकाशन 2006 - 119पृ. cm.

8181435443 (hbk) 150

242,640

485, 02/03/2010, Vani Prakashan Textual

O152,6N165x, P6