उपाध्याय, अयोध्या सिंह

बोलबाल अर्थात बाल से लेकर तलवे तक के सब अंगो तथा चेष्टाओं के प्रचालित मुहावरों पर बोल ताल की भाषा में भावमयी कविताएँ Bolabāl arthāt bāl se lekar talave tak ke sab aango tathā cheṣhṭāoan ke prachālit muhāvaroan par bol tāl kī bhāṣhā mean bhāvamayī kavitāeँ उपाध्याय, अयोध्या सिंह - संस्क0 2 - बनारस हिन्दी साहित्य कृटीर 1956 - 249 पृ. cm.

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Textual


हिन्दी साहित्य

O152,1M65,17, J6