वैश्य, गायत्री

मध्य युगीन हिन्दी काव्य में समाज Madhya yugīn hindī kāvya mean samāja वैश्य, गायत्री - जयपुर प्रकाशन पब्लि 1967 - 219 पृ. cm.

177,464

Textual

O152,1L:g(Y), K7