प्रेमकुमार, संपा.
हिन्दी कहानी सार्थक रचनाशीलता (सार्थक एवं जनधर्मी कहानियों का संग्रह )
Hindī kahānī: sārthak rachanāshīlatā (sārthak evan janadharmī kahāniyoan kā sangrah )
प्रेमकुमार, संपा.
- महेसाना गिरनार प्रका0 1987
- 104पृ. cm.
194,251
Textual
हिन्दी साहित्य
O152,3:g, M7