महेश्वरी, प्रेमचन्द्र हिन्दी रामकाव्य का स्वरूप और विकास बदलते युगबोध के परिप्रेक्ष्य में Hindī rāmakāvya kā svarūp aur vikās badalate yugabodh ke pariprekṣhya mean महेश्वरी, प्रेमचन्द्र - दिल्ली वाणी प्रकाशन 1983 - 499पृ. cm. Standard No.: 251,382 Source: Textual Subjects--Topical Terms: हिन्दी साहित्य Dewey Class. No.: O152,1(Q223):g, M3