दुस्समय में साहित्य परंपरा का पुनर्मूल्यांकन
शंभुनाथ
दुस्समय में साहित्य परंपरा का पुनर्मूल्यांकन Dussamaya mean sāhitya: paranparā kā punarmūlyāankana शंभुनाथ - नयी दिल्ली वाणी प्रकाशन 2002 - 272पृ. cm.
8170551471 (hbk) 300
242,213
481, 26/02/2010, Vani Prakashan Textual
O152:gN, P2
दुस्समय में साहित्य परंपरा का पुनर्मूल्यांकन Dussamaya mean sāhitya: paranparā kā punarmūlyāankana शंभुनाथ - नयी दिल्ली वाणी प्रकाशन 2002 - 272पृ. cm.
8170551471 (hbk) 300
242,213
481, 26/02/2010, Vani Prakashan Textual
O152:gN, P2