परिप्रक्ष्य को सही करते हुए प्रगतिवाद
चौहान, शिवदान सिंह; उपाध्याय, विश्वंभरनाथ, संपा.
परिप्रक्ष्य को सही करते हुए प्रगतिवाद Pariprakṣhya ko sahī karate hue: pragativāda: pragatishīlatā चौहान, शिवदान सिंह; उपाध्याय, विश्वंभरनाथ, संपा. - नयी दिल्ली वाणी प्रकाशन 1999 - 319पृ. cm.
8170556481 (hbk) 300
241,124
485, 02/03/2010, Vani Prakashan Textual
O152,6N18x, N9
परिप्रक्ष्य को सही करते हुए प्रगतिवाद Pariprakṣhya ko sahī karate hue: pragativāda: pragatishīlatā चौहान, शिवदान सिंह; उपाध्याय, विश्वंभरनाथ, संपा. - नयी दिल्ली वाणी प्रकाशन 1999 - 319पृ. cm.
8170556481 (hbk) 300
241,124
485, 02/03/2010, Vani Prakashan Textual
O152,6N18x, N9