मात्रिक छन्दो का विकासःमध्यकालीन हिन्दी-काव्य में प्रयुक्त मात्रिक छन्दो का विश्लेषणात्मक तथा ऐतिहासिक अध्ययन

शिवनन्दन प्रसाद

मात्रिक छन्दो का विकासःमध्यकालीन हिन्दी-काव्य में प्रयुक्त मात्रिक छन्दो का विश्लेषणात्मक तथा ऐतिहासिक अध्ययन Mātrik chhando kā vikāsahmadhyakālīn hindī-kāvya mean prayukta mātrik chhando kā vishleṣhaṇātmak tathā aitihāsik adhyayana शिवनन्दन प्रसाद - पटना बिहार राष्ट्रभाषा 1964 - 443पृ. cm.

159,856

Textual


हिन्दी साहित्य

O152,1:g(P:75), K4