विनय पत्रिका और गीताजंली का मूल्यांकन (युग चेतना के सन्दर्भ में)
रावत, भूपाल सिंह
विनय पत्रिका और गीताजंली का मूल्यांकन (युग चेतना के सन्दर्भ में) Vinaya patrikā aur gītājanlī kā mūlyāankan (yug chetanā ke sandarbha mean) रावत, भूपाल सिंह - जयपुर श्याम प्रकाशन 1989 - 248 पृ. cm.
179,937
Textual
हिन्दी साहित्य
O152,1J32,12:g, M9
विनय पत्रिका और गीताजंली का मूल्यांकन (युग चेतना के सन्दर्भ में) Vinaya patrikā aur gītājanlī kā mūlyāankan (yug chetanā ke sandarbha mean) रावत, भूपाल सिंह - जयपुर श्याम प्रकाशन 1989 - 248 पृ. cm.
179,937
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हिन्दी साहित्य
O152,1J32,12:g, M9
