विनय पत्रिका में प्रपत्तिवाद

मिश्र, विजय शंकर

विनय पत्रिका में प्रपत्तिवाद Vinaya patrikā mean prapattivāda मिश्र, विजय शंकर - दिल्ली प्रेम प्रकाशन 1983 - 110 पृ. cm.

179,947

Textual


हिन्दी साहित्य

O152,1J32,12:g, M3