भारतेन्दुयुगीन हिन्दी काव्य में लोकतत्व
विमलेश कान्ति
भारतेन्दुयुगीन हिन्दी काव्य में लोकतत्व Bhāratenduyugīn hindī kāvya mean lokatatva विमलेश कान्ति - दिल्ली ऋषभचरण जैन एवं सन्तति 1974 - 464पृ. cm.
249,261
Textual
हिन्दी साहित्य
O152,1:gM5, L4
भारतेन्दुयुगीन हिन्दी काव्य में लोकतत्व Bhāratenduyugīn hindī kāvya mean lokatatva विमलेश कान्ति - दिल्ली ऋषभचरण जैन एवं सन्तति 1974 - 464पृ. cm.
249,261
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हिन्दी साहित्य
O152,1:gM5, L4
